आज का विषय ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में। भारत की महिला बॉक्सर मैरी कॉम आज किसी भी इंसान के लिए नया नाम नहीं है। इस महिला मुक्केबाज ने बॉक्सिंग के क्षेत्र संसार भर में काफी नाम कमाया है। लेकिन यह करना इतना आसान नहीं था उनके जीवन में काफी कठिनाइयां और उतार-चढ़ाव आए जिसका उन्होंने काफी दृढ़ता के साथ सामना किया। बेशक महिलाएं उनसे प्रेरणा ले सकती हैं क्योंकि इन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि महिलाएं किसी भी चीज में कम नहीं है और ना किसी से पीछे हैं। आज आपसे हम मैरी कॉम के बारे में कुछ खास बातें करेंगे जिनके बारे में शायद आपको पता नहीं होगा।
मैरी कॉम के बारे में ये बातें:
1. मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 में मणिपुर में हुआ था। उनका पूरा नाम मैंगते चंगनेइजैंग मैरी कॉम है। मैरी कॉम अपने परिवार में अपने चार बहनों में सबसे बड़ी हैं।
2. मैरी कॉम का बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा था क्योंकि उनके पिता एक किसान थे। बचपन से ही मैरी कॉम के ऊपर काफी जिम्मेदारी आ गई थी क्योंकि वह अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। लेकिन संघर्षों के होते हुए भी मैरी कॉम ने अपनी पढ़ाई पूरी की। बता दें कि उन्होंने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है।
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3. जब मैरी कॉम छोटी थी तो उस समय से ही उनका बस यही ख्वाब था कि वह एक कामयाब मुक्केबाज बने। स्कूल में वह कई खेल खेला करती थी जिनमें वह सबसे ज्यादा बॉक्सिंग की तरफ आकर्षित थी। उनका यह बॉक्सिंग प्रेम उस समय चरम सीमा पर पहुंच गया था जब बॉक्सर डिन्गको सिंह ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। है न मैरी कॉम के बारे में ये बात रोचक?
4. मैरी कॉम के बारे में बता दें कि उनके तीन बच्चे हैं और उनके पति पेशे से वकील हैं। यह दोनों 4 साल तक काफी अच्छे दोस्त बने रहे उसके बाद उन्होंने शादी कर ली थी।
5. इतने सारे अवार्ड जीतने के बाद और विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने के बाद भी मैरी कॉम को सादा जीवन जीना ही पसंद है। उनके अंदर बिल्कुल भी घमंड नहीं है। है न मैरी कॉम के बारे में ये बात जानने योग्य?
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6. बता दें कि मैरी कॉम ने काफी मेहनत करने के बाद मुक्केबाजी सीख ली थी और साल 2000 में उन्होंने ‘वीमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप, मणिपुर’ में शानदार जीत हासिल की थी। हालांकि उनके परिवार को उनका बॉक्सर बनना पसंद नहीं था लेकिन जब मैरी कॉम ने एक के बाद एक कई अवार्ड जीते तो उनके परिवार को भी उन पर गर्व हुआ।
7. उसके बाद मैरी ने 2001 में AIBA विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप, में भाग लिया। यह चैंपियनशिप अमेरिका में आयोजित हुई थी। उन्होंने अमेरिका की इस चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वेट कैटेगरी में हिस्सा लिया था और उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। इस तरह उन्होंने अपने देश भारत को मुक्केबाजी में एक नई पहचान दिला कर सम्मानित किया। है न मैरी कॉम के बारे में ये बात यादगार?
8. इसके बाद उन्होंने 2002 में तुर्की में हुई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। 2002 में ही उन्होंने हंगरी में आयोजित विश्व कप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। इस तरह उन्होंने अनेक ख़िताब जीते।
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9. मैरी कॉम के बारे में आपको यह भी बता दें कि साल 2014 में साउथ कोरिया में एशियन गेम्स आयोजित हुआ था जिसमें मैरीकॉम ने एशियन गेम्स गोल्ड जीता। आपको जानकारी दे दें कि मैरीकॉम ने 8 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीते हैं जिसके लिए उन्होंने अत्यधिक कठिन परिश्रम किया।
10. बॉक्सर मैरी कॉम को अब तक 10 राष्ट्रीय खिताब भी मिल चुके हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था और साल 2006 में पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया था। इसके अलावा साल 2009 में उन्हें राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। आपकी जानकारी के लिए बता दें यह किसी भी खिलाड़ी के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान का खिताब है।
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— SportsCrunch (@SportsCrunch) July 15, 2020
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