नई दिल्ली। पिछले महीने एक टीवी डिबेट में एंकर के सवाल का जवाब देते हुए एक क्रिकेट एक्सपर्ट ने कहा कि जबतक हमारी टीम विदेशों में बढ़िया प्रदर्शन नहीं करती,तबतक वो आने वाले विश्व कप की मजबूत दावेदार नहीं कही जा सकती।
श्रीलंका पर बड़ी जीत पाकर भारतीय टीम इन दिनों दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर है। इस दौरे पर भारतीय टीम अपने उम्दा प्रदर्शन के जरिये दुनियाभर में तारीफें बटोर रही है। कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया दुनिया की मजबूत क्रिकेट टीमों में से एक दक्षिण अफ्रीका को उसके घर में ही धूल चटा रही है।
दक्षिण अफ्रीका के साथ टेस्ट मैच में भारत ने 1-1 की बराबरी पर सीरीज ड्रा कर ली। वही दूसरी ओर एकदिवसीय मैचों की सीरीज में भारत ने दक्षिण अफ्रीकी टीम को 5-1 से रौंद डाला।
इंग्लैंड में होगा 2019 का विश्व कप–
इस बार के विश्व कप का आयोजन क्रिकेट का जन्मदाता कहा जाने वाला देश इंग्लैंड कर रहा है। पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम ने यहां कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली है। जिसके चलते टीम से जुड़े कुछ नए खिलाड़ियों को यहाँ कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
विश्व कप जितने के लिए करने होंगे ये काम–
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली इन दिनों जबरदस्त फॉर्म में चल रहे हैं। लड़खड़ाती हुई टीम को भी वे अपने दम पर संभाल लेते हैं। स्कोर बोर्ड पर अच्छे रन बनाने के लिए पूरी टीम को विराट का साथ देना होगा। तभी भारतीय टीम तीसरी बार विश्व कप जीत पायेगी।
मीडिल ऑर्डर सबसे बड़ी चुनौती–
कप्तान विराट कोहली व शिखर धवन इन दिनों बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं,लेकिन मीडिल ऑर्डर के बल्लेबाज अपेक्षा अनुसार नहीं खेल पा रहे हैं। चयनकर्ताओं को मीडिल ऑर्डर के बल्लेबाज चुनने के लिए काफी माथापच्ची करनी होगी।सुरेश रैना, युवराज सिंह के अलावे हार्दिक पांड्या भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं। हालांकि हार्दिक पांड्या जब टीम से जुड़े थे तब उनके ऑलराउंड प्रदर्शन से उनकी तुलना महान खिलाड़ी कपिल देव से की जाने लगी थी। लेकिन पिछले कुछ मैचों से उनकी बल्लेबाजी व गेंदबाजी में वो धार नजर नहीं आ रही है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता मीडिल ऑर्डर की बल्लेबाजी के लिए किन खिलाड़ियों पर विश्वास जताते हैं व किन्हें टीम में शामिल करते हैं।
‘स्पिन’ की धार,गेंदबाज करेंगे वार–
पिछले कुछ सालों से रविचंद्रन अश्विन व रविन्द्र जडेजा की स्पिन जोड़ी मैच पर काफी प्रभाव डालती थी। हालांकि अब यजुवेन्द्र चहल व केदार जाधव ने टीम में जगह बना लिया है। इन चारों स्पिन गेंदबाजों में से चयनकर्ताओं को देखना होगा कि विदेश की उछाल वाली पिचों पर कौन से स्पिन गेंदबाज ज्यादा प्रभाव डालते हैं।
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अनुभव का मिलेगा लाभ–
2011 के विश्व कप में अपनी कुशल कप्तानी से टीम को चैंपियन बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी बतौर विकेटकीपर टीम से जुड़े हैं। टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी होने के नाते उनके अनुभव से टीम काफी कुछ सीखेगी।
ऑस्ट्रेलियाई टीम रही है 2015 की विश्व कप विजेता–
2015 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम विश्व कप जीतकर सबसे ज्यादा पांच बार यह ख़िताब जितने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है।
उससे पहले 2011 विश्व कप भारतीय टीम अपने नाम कर चुकी है।
इस बार भारतीय टीम से देशवासियों को काफी अपेक्षा है। लोगों को उम्मीद है कि कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन करेगी और तीसरी बार विश्व चैंपियन बनेगी।