नई दिल्ली। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने फिर एक बार करिश्मा कर दिखाया है। अपना वर्चस्व कायम करते हुए खिलाडियों ने रविवार को एआईबीए युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के अंतिम दिन पांच स्वर्ण पदक जीतकर ऐतिहासिक सफलता दर्ज की। जिससे देश का मान सामान दुनिया भर में गौरवान्वित है।
भारत के लिए नीतू, ज्योति, साक्षी, अंकुशिता बोरो और शशि चोपड़ा ने स्वर्ण जीते। जबकि इस चैम्पियनशिप में भारत को दो रजत भी मिले। नीतू ने फाइनल में कजाकिस्तान की झाजिरा उराकबायेवा को 5-0 से हरा कर लाइटफ्लाईवेट कटेगरी में सोना जीता। जबकि ज्योति ने रूस की एकातेरिना मोलचानोवा को इसी अंतर से पराजित कर फ्लाइवेट में बाजी मार अपनी टीम को दूसरा स्वर्ण दिलाया। इसी तरह साक्षी ने बेंटमवेट वर्ग के फाइनल में इंग्लैंड की इवी जेन स्मिथ को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर पहला स्थान हासिल किया। जबकि शशि ने फीदरवेट कटेगरी में वियतनाम की नगोक जो होंग को 4-1 से परास्त कर सोना जीता और फिर स्थानीय खिलाड़ी अंकुशिता ने फाइनल में रूस की एकातेरिना डेनिक को 4-1 से हराया। वही अंकुशिता को टूर्नामेंट का श्रेष्ठ मुक्केबाज चुना गया । वही ज्योति ने अगले साल अर्जेटीना में होने वाली यूथ ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
इस धमाकेदार जीत को देखते हुए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने पदक जीतने वाली प्रत्येक खिलाड़ी को दो-दो लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। सिंह ने अपने बयान में कहा कि इन लड़कियों ने देश का नाम रोशन किया है। हमें इन पर गर्व है। हम सभी सात लड़कियों को इस सफलता पर बधाई देते हैं। इन लड़कियों ने इस पल के लिए कड़ी मेहनत की थी और निश्चित तौर पर ये भविष्य का सितारा हैं।