टेनिस की दुनिया में महारथ हासिल करने वाली टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स को विंबलडन में रोमानिया की टेनिस स्टार खिलाड़ी सिमोना हालेप से हार का सामना करना पड़ा। सिमोना का यह अपने करियर का पहला विंबलडन और दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है। इस जीत के बाद सिमोना हालेप ने कहा कि आज वह बहुत खुश है क्योंकि आज उनकी मां तानिया हालेप का सपना पूरा हुआ। हालेप का कहना है कि, ‘जब मैं 10-12 साल की थी, तब मां कहा करती थी, अगर तुम टेनिस में कुछ हासिल करना चाहती हो तो विंबलडन जीतकर दिखाना। इस जीत के बाद आज सिमोना ने अपनी मां की कहीं उस बात को पूरा किया।

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वहीं सिमोना इस विंबलडन को इसलिए भी जीतना चाहती थी क्योंकि इ, खिताब को जीतना उनकी सालों की इच्छा थी जिसके बाद वह इस क्लब की आजीवन सदस्यता बन जाती। हालेप का कहना हैं कि वह लॉकर रूम में सोचा करती थी कि अगदर वह इस खिताब को जीत लेती है तो उन्हें भी इस शानदार क्लब की आजीवन मेंबरशिप मिल जाएगी। यह सिमोना का सपना था और इसके लिए वह काफी मोटिवेटेड थी। अब इस खिताब को पाकर सिमोना खुश है।
Today I dared to dream… and my dream came true!
It was the greatest match of my life ❤️#Wimbledon pic.twitter.com/kJL4Soi4E6
— Simona Halep (@Simona_Halep) July 13, 2019
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हर सपने को पूरा करने के लिए मेहनत जरूरी है इसलिए पहले फ्रेंच ओपन जीत चुकीं हालेप ने कहा कि क्ले कोर्ट पर सफलता हासिल करने के बाद ग्रास कोर्ट पर खिताब जीतना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन इसके लिए उन्होंने अपनी शैली में बदलाव किया। हालेप ने कहा, ‘मैंने विंबलडन के लिए अपनी शैली में बदलाव किया। मेरे लिए यह आसान नहीं था। मेरी मेहनत रंग लाई।’
सिमोना हालेप को विंबलडन चैम्पियन बनने का फायदा रैंकिंग में मिला है। अब हालेप की रैंकिंग में 3 स्थान का सुधार हुआ और वे चौथे नंबर पर पहुंच गई हैं।
टॉप-5 महिला खिलाड़ी
खिलाड़ी |
देश |
अंक |
बार्टी | ऑस्ट्रेलिया | 6605 |
ओसाका | जापान | 6257 |
प्लिस्कोवा | चेक गणराज्य | 6055 |
हालेप | रोमानिया | 5933 |
बर्टेंस | नीदरलैंड | 5130 |