डाक्यूमेंट्री लांस 2 भागों में 24 और 31 मई को प्रसारित किया जाएगा । डाक्यूमेंट्री लांस मरीना ज़ेनोविच द्वारा निर्देशित है। लांस आर्मस्ट्रांग ने जब पहली बार साइकिल टूर डी फ्रांस में भाग लिया था तो उन्हें सफलता नहीं मिली थी । यह फ्रांस में होने वाली दुनिया की सबसे लंबी और कठिन साइकिल रेस थी । नाकाम होने के बाद आर्मस्ट्रांग को पता चला कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और उनके बचने की संभावना बहुत कम है । आर्मस्ट्रांग ने इस जानलेवा बीमारी से संघर्ष करना शुरू किया और अपना इलाज शुरू करवाया जिसकी वजह से वह अगले साल होने वाली साइकिल रेस टूर डी फ्रांस में हिस्सा नहीं ले सके ।
1996 में लांस आर्मस्ट्रांग अपने इलाज के चलते साइकिल प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सके थे लेकिन उनकी वापसी 1999 में हुई और उन्होंने पहली बार टूर डी फ्रांस जीता । इस कठिन प्रतियोगिता को जीतने के बाद उनके मान सम्मान में काफी बढ़ोतरी हो गई थी । वह उस समय के सबसे प्रतिष्ठित एथलीटों में से एक बन गए थे । खेल की दुनिया में उनको बहुत इज्जत की नजर से देखा जाने लगा था ।
कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के बाद उनकी शानदार जीत ने लांस आर्मस्ट्रांग को सबका फेवरेट बना दिया था । उनका नाम सुर्खियों में आ गया था और उनको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान मिली तथा इसके अलावा विश्व भर में साइकिल चलाना काफी लोकप्रिय हो गया । उन्होंने 7 बार लगातार टूर डी फ्रांस जीता । रिटायर होने से पहले उन्होंने एक बहुत बड़ी साइकिल दौड़ में भी भाग लिया था ।
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आर्मस्ट्रांग की इतनी ज़्यादा सफलता और प्रसिद्धि के बावजूद लांस आर्मस्ट्रांग का कैरियर काफ़ी विवाद पूर्ण रहा । उन पर लगातार इस बात का आरोप लगता रहा कि वह साइकिल प्रतियोगिता में ड्रग्स ले कर भाग लेते थे ताकि उनका प्रदर्शन शानदार रहे । हालांकि उन्होंने खुद पर लगने वाले इन आरोपों को झूठा कहा था और इससे इंकार किया था वह किसी ड्रग्स का सहारा लेते हैं ।
लेकिन आखिरकार 2012 में सच्चाई सामने आ ही गई जिसमें पता चला कि लांस आर्मस्ट्रांग साइकिल प्रतियोगिता में डोप ले कर भाग लिया करते थे । यह रिपोर्ट अमेरिका की एक एंटी डोपिंग एजेंसी ने दी थी । उसके बाद साल 2013 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकारा था कि वह हर वर्ष टूर डी फ्रांस के दौरान डोप लिया करते थे ।
आर्मस्ट्रांग के जीवन का चढ़ाव का दौर
आर्मस्ट्रांग को साइकिलिंग से बहुत ज़्यादा प्यार था और 1999 के टूर डी फ्रांस को जीतने से पहले भी वह दूसरी अन्य साइकिलिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे थे । कैंसर की बीमारी के पता चलने से पहले भी वह कई खिताब जीत चुके थे । 1993 में, उन्होंने पिट्सबर्ग में थ्रिफ्ट ड्रग क्लासिक, के-मार्ट वेस्ट वर्जीनिया क्लासिक और फिलाडेल्फिया में कोरस्टेट्स यूएसप्रो राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती ।
1999 में आर्मस्ट्रांग ने अपनी पहली टूर डी फ्रांस चैंपियनशिप जीती जिसमें उनका मुकाबला एलेक्स ज़ुलेल से हुआ था । वह दूसरे नंबर के खिलाड़ी थे जिनको आर्मस्ट्रांग ने 7 मिनट 37 सेकंड में हराया । हालांकि, उलरिच उस साल अपनी चोट के कारण प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाए थे । बाद में वह आर्मस्ट्रांग के प्रतिद्वंदी बन गए थे । लेकिन लांस आर्मस्ट्रांग अभी भी साइकिलिंग के शीर्ष स्थान पर नहीं पहुंच सके थे ।
2002 में उलरिच और पंतानी टूर डी फ्रांस के लिए वापस आ गए और इस प्रकार आर्मस्ट्रांग-उलरिच प्रतिद्वंदिता की शुरुआत हुई । आर्मस्ट्रांग ने 2002 के टूर डी फ्रांस प्रतियोगिता में उलरिच को 6 मिनट 2 सेकंड से हराया । इस बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में आर्मस्ट्रांग ने कांस्य पदक जीता ।
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2001 में एक बार फिर लांस आर्मस्ट्रांग ने उलरिच को 6 मिनट 47 सेकंड से हराया । 2002 में उलरिच को निलंबित किया गया जिसके कारण वह कॉन्पिटिशन में भाग न ले सका । अबकी बार आर्मस्ट्रांग ने 7 मिनट में स्पेन के जोसबा बेलोकी को हराकर शीर्ष सम्मान प्राप्त किया ।
2003 में निरंतर वही कहानी चलती रही, आर्मस्ट्रांग ने उलरिच को कुछ ही मिनटों में हरा दिया । इसी प्रकार 2004 में अपना रिकॉर्ड स्थापित करते हुए छठा टूर डी फ्रांस जीता । इसमें उन्होंने जर्मन साइकिल चालक एंड्रियास क्लोडेन को पीछे छोड़ दिया तथा इस बार उलरिच चौथे स्थान पर रहा ।
2005 में लांस आर्मस्ट्रांग ने फिर से जीत हासिल की जिसमें उन्होंने यह घोषणा की कि वह अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे और इसके अलावा अपने कैंसर फाउन्डेशन के लिए प्रयास करेंगे । इस घोषणा में उन्होंने अपने संन्यास लेने की बात भी कह दी थी ।
लांस आर्मस्ट्रांग के कैरियर का पतन
2008 में, लांस आर्मस्ट्रांग रिटायर हो गए थे लेकिन उन्होंने डोपिंग के आरोपों को खारिज करना जारी रखा । उन्होंने ईएसपीएन को बताया कि प्रतिस्पर्धा के लिए कड़ी मेहनत की है और उस समय वह 37 वर्ष के हो चुके थे ।
जनवरी 2009 में, ईएसपीएन ने लांस आर्मस्ट्रांग को अपनी पहली दौड़ टूर डाउन अंडर के लिए शामिल किया । इसमें 127 साइकिल चालक थे और आर्मस्ट्रांग ने इसमें 27 वां स्थान प्राप्त किया । 2009 में ही विभिन्न आरोपों के बाद उन्होने टूर डी फ्रांस प्रतियोगिता में भाग लिया तथा इस बार वह तीसरे स्थान पर रहे । इस समय उनकी आयु 38 वर्ष हो चुकी थी । ईएसपीएन के बोनी फ्रॉड ने कहा कि वह अभी भी काफ़ी प्रभावशाली थे क्योंकि 38 वर्ष की आयु में उन्होंने इस में भाग लिया था और इस दौरान 3 साल तक वह साइकिलिंग से दूर भी रहे थे ।
2010 में, टूर डी फ्रांस प्रतिस्पर्धा के समय लांस आर्मस्ट्रांग ने कहा कि यह उनकी आखिरी दौड़ होगी । इसी दौरान उनके पुराने अमेरिकी टीममेट फ्लायड लैंडिस ने सभी साइकिलिंग अधिकारियों को ईमेल भेजें जिसमें लांस द्वारा प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाइयों के उपयोग का पूरा विवरण था । परंतु आर्मस्ट्रांग ने उन आरोपों को गलत कहा क्योंकि उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं था । 2010 में टूर डी फ्रांस में रहते हुए 23 वे स्थान पर रहे ।
रिटायरमेंट के बाद भी आर्मस्ट्रांग आरोपों से खुद को बचा नहीं सके । उनके टीम के सदस्यों ने अब अपनी चुप्पी तोड़ना शुरू कर दिया था और यह मामला फिर अमेरिकी एंटी डोपिंग एजेंसी को सौंप दिया गया ।
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अक्टूबर 2012 में, यू एस ए डी ए की रिपोर्ट से यह साबित हो गया कि लांस आर्मस्ट्रांग ने अपने साइकिलिंग कैरियर के दौरान डोप किया था । उन्होंने इसके खिलाफ केस नहीं लड़ा । उनसे सभी उपलब्धियां छीन ली गई और उनके साइकिलिंग पर भी आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया ।
अंत में 2013 में आर्मस्ट्रांग ने सार्वजनिक रूप से कबूल किया कि वह डोप लेते थे लेकिन यह साक्षात्कार बिल्कुल भावहीन था । यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उन्होंने जो किया उसका उनको पछतावा है । वह हमेशा टूर डी फ्रांस के लिए डोपिंग लेते रहे और प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर जीत जाते थे ।
डाक्यूमेंट्री लांस का विवरण इस प्रकार है :
भाग 1:
रविवार, 24 मई, रात 9 बजे । ईएसपीएन और ईटी पर
भाग 2:
रविवार, 31 मई, रात 9 बजे। ईएसपीएन और ईटी पर
लाइवस्ट्रीमिंग:
ईएसपीएन ऐप, ईएसपीएन + ईएसपीएन प्लेयर (जहां उपलब्ध हो)
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— SportsCrunch (@SportsCrunch) April 2, 2020