खेलपत्र नमस्कार। पहलवानी में अक्सर भारत के पहलवान आगे रहते है। यही वजह है कि देश के पहलवान कई सारी प्रतियोंगिता में मेडल जीतते है। देशभर में कुश्ती का क्रेज बढ़ाने के लिए दंगल कराए जाते है जिनमें देश के अलग-अलग राज्यों से पहलवान दंगल खेलने आते है।
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ऐसा ही वाक्या पंजाब के नवांशहर के गांव काठगढ़ में चल रहे छिंज मेले में देखा गया। जब दंगल के दौरान 20 साल के पहलवान को एक बच्ची ने दंगल के लिए चैंलेज कर दिया। जी हां सही सुना आपने रोज के चैंलेंज को पहले तो स्थानीय लोगों ने मजाक में लिया लेकिन जब 13 साल रोज पहलवानी करने अखाड़े में उतरी तो उसने पहलवान के पसीने छुड़ा दिए।
वहीं दंगल देखने वाले लोगों को लगा कि चैंलेंज लेने वाला युवक कुछ सेकेंडों में ही बच्ची को हरा देगा, लेकिन अखाड़े का नजारा ही कुछ अलग दिख रहा था। वहां दंगल लड़ने आई 13 साल की लड़की ने इस कारनामे ने वहां मौजूद लोगों को हैरान कर दिया। वहां पहले से मौजूद दर्शकों ने विश्वास नहीं किया लेकिन लड़की ने ट्रेड पहलवान को धूल चटाने में कुछ ही मिनटों का समय लिया जिसके बाद अखाड़ा तालियों की गूंज से उठा।
13 साल की रोज घई काठगढ़ के धार्मिक स्थान बाबा सखी राम टिब्बी अखाड़े के सेवादार काले शाह की बेटी है। 13 साल की इस दंगल गर्ल के पिता काले शाह खुद एक पहलवान हैं और रोजी को पिछले काफी समय से पहलवानी की तैयारी करा रहे है। उनके अखाड़े में बहुत से पहलवान ट्रेनिंग लेने आते है।
रोजी अभी सातवीं क्लास में पढ़ती है। काले शाह ने बेटी के बारें में पूछने पर उन्होंने कहा कि बेटी को पहलवानी कराने का कोई भी मन नहीं था उसके पिता भी पहले पहलवानी करते रहे है और उनका बेटा भी पहलवानी करता था जिसको काले शाह ने पहलवानी के लिए मुल्लापुर के आखाड़े में पहलवानी के लिए छोड़ा था वह वहां पर पहलवानी के दांव पेंच सीख रहा था।
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लेकिन दो महीने उसे अपने घर आए हुए हुआ था जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बेटे के जाने के बाद घर का माहौल उदासी सा रहने लगा था, जिसके बाद रोज ने अपने पिता से कहा कि वह पहलवानी करके अपने भाई की जगह लेगी। जिसके बाद से रोज छिंज मेलों में कुश्ती के लिए जाती है। रोज के पिता का कहना है कि एक दिन रोज उनका नाम रोशन करेगी।