आज का विषय सबसे रोमांचक भारत पाकिस्तान मैच। क्रिकेट का खेल संसार का अत्यधिक लोकप्रिय खेल है। जब भी कोई क्रिकेट टूर्नामेंट या मैच खेला जाता है दर्शक उसे बहुत शौक से देखते हैं लेकिन जब बात आती है इंडिया और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले की तो उस समय दर्शकों का रोमांच काफी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि जितना मजा लोगों को भारत और पाकिस्तान का मैच देखने में आता है उतना शायद ही किसी और क्रिकेट टीम का देखने में आता हो।
इंडिया और पाकिस्तान की क्रिकेट राइवलरी विश्व भर में प्रसिद्ध है। इन दोनों के बीच क्रिकेट मुकाबलों में बहुत सारे ऐसे मैच रहे हैं जो बहुत रोमांचक हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सबसे रोमांचक भारत पाकिस्तान मैच कौन सा था।
2004 पाकिस्तान दौरे का पहला एकदिवसीय
2004 में पाकिस्तान दौरे का पहला एकदिवसीय बहुत अधिक महत्वपूर्ण रहा था। उस श्रृंखला को खेलने के लिए टीम इंडिया 7 साल के बाद पाकिस्तान गई थी। यहां जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने कुछ समय तक कभी भी कोई क्रिकेट श्रृंखला पाकिस्तान में नहीं जीती थी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान उस समय सौरव गांगुली थे और उनसे भारतीय प्रशंसकों को काफी उम्मीदें थी। 2004 सैमसंग कप श्रृंखला में कई बहुत सारे रोमांचक पल आए पर पहला मैच दर्शकों के लिए काफी यादगार रहा। शायद ये ही है सबसे रोमांचक भारत पाकिस्तान मैच।
टीम इंडिया की बल्लेबाजी
13 मार्च 2004 को हुए सैमसंग कप सीरीज में पाकिस्तान ने टॉस जीता था और पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। भारत के सलामी व विस्फोटक बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने विस्फोटक बल्लेबाज़ी की शुरुआत की। इन दोनों सलामी बल्लेबाजों ने बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाज़ी की थी।
जब सचिन और सहवाग आउट हो गए तो सौरव गांगुली ने टीम इंडिया की तरफ से काफी आक्रामक पारी खेली और रन रेट पर कोई असर नहीं पड़ने दिया। 25 ओवर तक इंडिया का स्कोर 200 रन तक पहुंच गया था। परंतु जब गांगुली आउट हुए तो उसके बाद टीम इंडिया का रन रेट काफी तेजी से गिरने लगा था।
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बल्लेबाजी कर रहे कैफ और द्रविड़ ने पारी को संभाला और 25 से 40 ओवर पहुंचने तक उन्होंने 70 रन बनाए। काफी धीमी गति से रन बन रहे थे इसलिए दोनों खिलाड़ियों ने आखिर के 10 ओवरों में अपने रन बनाने की गति को तेज करने का प्रयास किया। 45 ओवर के बाद भारत 324/4 के स्कोर तक पहुंच गया था और द्रविड़ बहुत ही शानदार पारी खेल रहे थे और उनका एक ऐतिहासिक शतक पूरा होने वाला था परंतु शोएब अख्तर ने उनका विकेट ले लिया।
लेकिन राहुल द्रविड़ की उस महान पारी ने टीम इंडिया को 349/7 के स्कोर तक पहुंचा दिया था और पाकिस्तान को मैच जीतने के लिए अब इस लक्ष्य को हासिल करना था। यहां यह भी जानकारी दे दें कि भारतीय टीम ने उस समय रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड हासिल किया था क्योंकि उस समय इतने रन कोई भी टीम नहीं बना पाती थी।
पाकिस्तान की बल्लेबाजी
पाकिस्तान ने जब बल्लेबाजी की तो 10 ओवर तक उनके केवल 40 रन बन सके थे जिसमें 2 विकेट उन्होंने गंवा दिए थे। लेकिन तभी वहां पर एक बहुत ही ऐतिहासिक पारी खेली गई उस समय के कप्तान इंजमाम उल हक और मोहम्मद यूसुफ (यूसुफ योहाना) के द्वारा। तीसरी विकेट गंवाने तक इन दोनों ने मिलकर 134 रन बना लिए थे भारतीय क्रिकेट टीम के लिए यह जोड़ी काफी खतरनाक बन गई थी। मोहम्मद यूसुफ आउट हो गए थे लेकिन इंजमाम उल हक को आउट कर पाना बहुत कठिन लग रहा था।
इंजमाम और वकार यूनुस बहुत शांत दिमाग के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे। ऐसा लगने लगा था कि पाकिस्तान अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा क्योंकि पाकिस्तान की ओर मैच झुकने लगा था। परंतु उसी समय भारत के गेंदबाज मुरली कार्तिक ने दो बहुत ही महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। उन्होंने एक के बाद एक दो खिलाड़ियों को आउट कर दिया था।
कौन सी टीम रही थी विजेता
इंजमाम उल हक और वकार यूनुस के आउट होने के बाद पारी एकदम से पलट गई थी। 32 गेंदों में 45 रन बनाने थे और उस समय यह काफी मुश्किल होता था। अब्दुल रजाक बल्लेबाजी कर रहे थे और रनों और गेंदों के बीच का अंतर कम होने लगा था। अब 25 गेंदों में 35 रन की आवश्यकता थी जीत के लिए पाकिस्तान को। टीम इंडिया के गेंदबाज जहीर खान ने अब्दुल रज्जाक को आउट कर दिया और पाकिस्तान की जीत पर बिल्कुल विराम उस समय लग दिया जब शोएब मलिक का कैच पकड़कर उन्हें भी स्टेडियम से चलता कर दिया।
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मैच के अंतिम ओवर में 9 रन जीतने के लिए चाहिए थी और बल्लेबाजी कर रहे थे मोइन खान और राणा नावेद। टीम इंडिया के गेंदबाज नेहरा को आखिरी ओवर फेंकने के लिए दिया गया। दोनों टीमों पर अत्यधिक प्रेशर था क्योंकि मैच ऐसे मोड़ पर था जहां पर कुछ भी हो सकता था।
अब आखिरी गेंद पर 6 रन चाहिए थे और उस समय लोगों को जावेद मियांदाद का आखिरी गेंद पर शारजाह में लगाया गया छक्का याद आ गया था। लोगों की सांसे रुक गई थी ऐसा लग रहा था कि मोइन खान आखिरी गेंद पर छक्का मार देंगे। हालांकि मोइन खान ने आखिरी गेंद पर छक्का मारने के लिए प्रयास अवश्य किया था लेकिन उनकी गेंद को जहीर खान ने पकड़ लिया था इस तरह भारत ने यह मैच 5 रन से जीता लिया था।
आपको बता दें कि टीम इंडिया के लिए एक यादगार जीत थी और इंजमाम उल की टीम वह मैच हर गयी थी लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने जो लाजवाब प्रयास और बल्लेबाजी की थी उसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया था।
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— SportsCrunch (@SportsCrunch) July 15, 2020
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