नई दिल्ली। फीफा का सीजन है …बस फीफा का सीजन है। 14 जून को रशिया के लुजनिकी स्टेडियम में फीफा का आगाज हो गया है। जैसे ही इसका आगाज हुआ लोगों का एक्साइटमेंट बढ़ता चला गया। क्योंकि जिस कंट्री ने इसका आगाज किया था पहला मैच उसी के साथ था, रशिया और सऊदी अरब।
पहेल मैच का कौन रहा विनर
मैच कोई भी हो लोगों को एक्साइटमेंट से भर ही देता है। लोग ऐसे खो जाते हैं कि उन्हें आस-पास की चीजें भी वैसी ही दिखाई देती है… और जब मैच आ रहा होता है तो कानों में जू भी नहीं रेंगती। कोई भी चिल्ला रहा हो चाहे हाय राम हाय राम कहता हुआ मर रहा हो लेकिन मजाल है मैच के दिवाने अपनी सीट से हिल जाए।
14 जून को फीफा का पहला मैच खेला गया जिसमें आमने-सामने रहीं टीम रशिया और साउदी अरब। मैच देखने के लिए करीब 80000 दर्शक स्टेडियम में मौजूद रहे, इस मैच के गेस्ट ऑफ ऑनर बनकर आए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। इस मैच का पहला हाफ रूस ने अपने कब्जे में रखा और दो गोल किए। दूसरे हाफ में भी गेम रूस के हाथ में ही रहा और उसने तीन गोल किए।
वहीं दूसरी ओर, मेजबान टीम के डेनिस चेरिशेव ने 2 और यूरी गाजिंस्की, अर्तेम ज्यूबा एवं एलेक्जेंडर गोलोविन ने एक-एक गोल किए। टूर्नमेंट का पहला गोल दागने के लिए रूस ने केवल 12 मिनट का समय लिया। बाएं छोर पर मौजूद मिडफील्डर एलेक्जेंडर गोलोविन ने बॉक्स के बाहर से क्रॉस दिया जिस पर शानदार हेडर लगाकर यूरी गाजिंस्की ने अपने देश को 1-0 की शुरुआती बढ़त दिला दी।
एक गोल की बढ़त बनाने के बाद रूस के खेल में आग देखने को मिली और उसी आग से जलते नजर आए सउदी के खिलाड़ी। पहला गोल दागने के 3 मिनट बाद रूस ने अपनी बढ़त को बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन मेहमान टीम के गोलकीपर ने अब्दुल्ला अल-मयूफ ने बेहतरीन बचाव किया।
दूसरे हाफ में 19 मिनट के भीतर रूस ने 3 गोल दागे। अर्तेम ज्यूबा ने 71वें मिनट में तीसरा गोल किया, जबकि चेरिशेव ने 90वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए चौथा गोल दागा। अतिरिक्त समय में अलेक्जेंडर गोलोविन ने गोल करके रूस की 5-0 से जीत पर मुहर लगा दी।
12 साल बाद सउदी की टीम की वापसी
सउदी अरब की टीम 12 साल में पहली बार वर्ल्ड कप खेल रही है। उसने आखिरी बार वर्ल्ड कप 1994 में खेला था और जीता भी था। मैच में बाल पोज़ैशन भी सऊदी का रहा, पर सिकंदर नहीं बन पाए। लगता है मेज़बानी का शुक्रिया करने को मैच में आये थे।