भारत बनाम इंग्लैंड हो और देशभक्ति का माहौल ना हो, ऐसा तो कभी हुआ नहीं। भारत और इंग्लैंड का मुक़ाबला कभी भी देश की आज़ादी के जंग से कमतर नहीं देखा गया। तो क्या इस बार ये महामुक़ाबला अपने रोचक अंदाज़ में लोगों को लुभा पायेगा- क्या होगा जब सेनापति कोहली के योद्धा कप्तान मॉर्गन की सेना के सामने आएंगे?
इस महामैच का नतीज़ा तो रविवार देर रात ही पता चलेगा पर, ये मैच कुछ छोटे छोटे युद्ध जरूर लेके आएगा।
भारत बनाम इंग्लैंड: कौन जीतेगा चाणक्यों की लड़ाई?
कमोबेश सभी खेल प्रशंसक ये मानते हैं कि पूर्व कप्तान धोनी ही इस भारतीय सेना की मुख्य रणनीति निर्धारित करते हैं, चाणक्य हैं। देखना रोचक होगा कि भारतीय क्रिकेट का ये महारणनीतिकार चिर विरोधी अंग्रेजों को किस चक्रव्यूह में घेरता है, और उनको नाकों चने चबवाता है।
दूसरी ओर कप्तान मॉर्गन के ऊपर ये दबाव रहेगा कि वो अपने अस्त्रों और शस्त्रों का सही समय पर इस्तेमाल करें- यहाँ चूके नहीं जो, वही युद्ध जीतेगा।
भारत बनाम इंग्लैंड: कौन बनेगा बाहुबली?
इस महामुक़ाबले का सबसे रोचक पहलु ये ही है कि दोनों ही टीमों के तरकश में बहुतेरे तीर ऐसे हैं जो अकेले ही एक पूरी सेना को नेस्तनाबूद कर सकते हैं। जहां सेनापति कोहली ख़ुद भी अकेले ही बड़ी बड़ी लड़ाइयां जीत चुके हैं, उनके पास हिटमैन जैसा महारथी भी है जो ना केवल गेंदों को, बल्कि गेंदबाज़ों को भी स्टेडियम से बाहर की दूरियां नापने को मजबूर करता रहा है।
इनके अलावा जहाँ पूर्व कप्तान धोनी गेंदों को हेलीकाप्टर बनाते रहे हैं, हार्दिक पंड्या ने भी पिच पर तांडव खूब ही मचाया है। भारतीय टीम नंबर ४ पर ऋषभ पंत को लाकर इस मुक़ाबले को नए आयाम दे सकती है। पंत की इनिंग्स अच्छी अच्छी टीमों की पैंट उतारती रही है।
मॉर्गन की सेना में ख़ुद मॉर्गन ने और फ़िर जो रुट, जैसन रॉय और बेन स्टोक्स ने कुछ ऐसा ही करतब दिखाया है पिछले कुछ महीनों में। और इनकी बदौलत ही इस टीम ने विपक्षियों को ऐसा रौंदा है कि वो सालों तक याद रखेंगे। बेन स्टोक्स इस इंग्लैंड टीम को बैलेंस करते हैं अपने खेल से, और उन पर यह टीम निर्भर करती है।
भारत बनाम इंग्लैंड: कौन बनेगा भल्लाल देव, कौन मचाएगा विध्वंस?
जहाँ जसप्रीत बुमराह ने पिछले कुछ समय में बल्लेबाज़ों को भल्लाल देव जैसा ख़ौफ़ दिखाया है- गोया उनके पास भी भल्लाल देव जैसा रथ हो जो विपक्षियों को काटता जाए, मारता जाए। अपने इसी अंदाज़ की वज़ह से वो गेंदबाजों की रैंकिंग के उस मुक़ाम पर हैं जहाँ भारतीय गेंदबाजों को देखा नहीं गया।
उनके अलावा मोहम्मद शमी भी पिछले दो मैचों में विध्वंस मचा चुके हैं विरोधी ख़ेमे में- इस विश्व कप का एकमात्र हैट्रिक उनके नाम दर्ज़ है। फ़िरकी गेंदबाज़ी में कुलदीप यादव ने भी विपक्षी बल्लेबाजों को छठी का दूध याद दिलाया है।
वहीँ दूसरी और जोफ्रा आर्चर ने भी कुछ ऐसे ही विपक्षी बल्लेबाज़ों के विकेट्स उड़ाए हैं जैसे उनको कोई हवा का झोंका ले उड़ा हो। देखना गौरतलब होगा कि महारथियों की इस जंग में कौन किस पर भारी होता है। इनके अलावा लिआम प्लंकेट भी प्रभावित कर सकते हैं इस युद्ध को।