वहीं मैदान, वहीं जगह, वहीं टीमें एक बार फिर समय दोहराएगा विश्व कप के उसी लम्हें को जहां भारत और न्यूजीलैंड भिंडेंगे। 9 जुलाई को पहला सेमीफाइनल खेला जाना है। मैनचेस्टर मैदान पर वनडे विश्व कप में ये दोनों टीमें दूसरी बार आमने सामने होंगी। 44 साल पहले 1975 में इसी मैदान पर भारत व न्यूजीलैंड की टीम एक दूसरे से भिड़ चुकी हैं। अब 10वें विश्व में एक बार फिर ये मौका आया है जब मैनचेस्टर में भारत व न्यूजीलैंड का मुकाबला खेला जाएगा।
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पहले के विश्व कप में कुछ अलग बात थी क्योंकि पहले वनडे मैच 50 ओवर नहीं बल्कि 60-60 ओवरों के खाले जाते थे। 44 साल पहले हुए विश्व कप में भारत और न्यूलीलैंड के बीच भी 60-60 ओवरों का मैच हुआ था। 1975 में विश्व कप के 10वें मैच में मैनचेस्टर मैदान में भारत और न्यूजीलैंड आपस में भिड़े थे। इस मैच में टीम इंडिया को हार मिली थी और न्यूजीलैंड ने चार विकेट से ये मैच जीता था।
44 साल पहले भारत के कप्तान एस वेंकटराघवन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। उस वक्त टीम इंडिया कुछ खास खेल नहीं दिखा सकीं और 60 ओवरों में 230 रन बनाकर टीम ऑल आउट हो गई। टीम इंडिया की ओर से सबसे ज्यादा रन एस आबिद अली ने बनाए थे और 70 रन की पारी खेली थी। दूसरे बड़े स्कोरर अंशुमन गायकवाड़ थे जिनके बल्ले से 37 रन निकले थे। इसके अलावा गावस्कर ने 12, फारुख इंजीनियर ने 24, मदन लाल ने 20 और फारुख इंजीनियर ने नाबाद 26 रन की पारी खेली थी।
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वहीं न्यूजीलैंड की टीम को जीत के लिए 231 का लक्ष्य दिया गया था और टीम ने इस को 58.5 ओवर में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया था। जी टर्रन की 114 रन की पारी के दम पर न्यूजीलैंड ने छह विकेट पर 233 रन बनाकर मैच जीत लिया था।
44 साल बाद भारत के पास बदला लेने का अच्छा मौका
44 साल बाद भारतीय टीम के पास न्यूजीलैंड की टीम से बदला लेने का शानदार मौका है। इस वक्त टीम इंडिया विराट की कप्तानी में शानदार फॉर्म में है और न्यूजीलैंड की टीम जैसे-तैसे सेमीफाइनल में पहुंची है।
इस समय न्यूजीलैंड टीम लगातार अपने पिछले तीन मैच हार चुकी है और टीम का मनोबल काफी नीचे है। इस वक्त टीम इंडिया के पास शानदार मौका है कि वो न्यूजीलैंड को हरा भी दे और अपना पिछला बदला लेते हुए फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर सकती है।