डेविड लुइज़ के बारे में ये तो सब जानते हैं कि वो विश्व फुटबॉल के शोमैन हैं एक, बेहतरीन रक्षक हैं, और यूरोपीय फुटबॉल के सबसे बड़े क्लबों से कुछ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस पूर्व एसेल बेनफिका, चेल्सी और पेरिस सेंट जर्मेन खिलाड़ी का काफ़ी दबदबा रहा है खेल पर, फ़ील्ड और खेल से बाहर नेतृत्व के कुछ किस्से हैं, और किस्से हैं महानता के। उन्होंने प्रीमियर लीग, चैंपियंस लीग, पुर्तगाली लीग और लीग 1 जीत चुके हैं। आज वो 10 अनजानी बातें डेविड लुइज़ के बारे में, जो शायद ही हो पता आपको:
विश्व के सबसे महंगे रक्षक थे कभी
शुरू करते हैं डेविड लुइज़ के बारे में उस बात से कि वो उस दौर में फुटबॉल के सबसे महंगे रक्षा पंक्ति के ख़िलाड़ी बने थे जब वैन दइक और हैरी मैग्विये ने 100 मि. पाउंड कमाए थे। ये किस्सा है उनके चेल्सी से पेरिस सेंट जर्मेन ट्रांसफर का जिसके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 50 मि. कमाए थे। लुइज़ का समय अच्छा रहा पीएसजी में और 2 साल बाद वो कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के दिन ही चेल्सी वापस चले गए।
पुर्तग़ाल की राष्ट्रीय टीम में होते अगर!
डेविड लुइज़ के बारे में ये तो सब जानते हैं कि वो ब्राज़ील से पुर्तग़ाल चले गए थे जब वो काफ़ी युवा थे, वो गए थे एसएल बेनफ़िका के लिए खेलने के लिए। पुर्तग़ाल में 5 साल खेलने के दौरान उन्होंने ना केवल भाषा सीखी, बल्कि नागरिकता भी प्राप्त की वहां की और पाया पुर्तग़ाल के फुटबॉल प्रशंसकों का प्यार। पुर्तग़ाली फुटबॉल संघ एक समय उन्हें पुर्तगाल के लिए खेलता देखना चाहता था, ये उससे पहले था जब वो ब्राज़ील के लिए खेले। हालाँकि उन्होंने ये ऑफर ठुकरा दिया और ब्राज़ील के लिए खेले बाद में।
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काका के प्रशंसक, काका उनके प्रेरणाश्रोत
एक प्रेरणादायक कहानी डेविड लुइज़ के बारे में ये है कि वो काका, रोनाल्डिन्यो, रॉबिनयो और रोनाल्डो को विश्व फुटबॉल में धमाका करते देखते हुए बड़े हुए है। ब्राज़ील के फुटबॉल का स्वर्णिम दौर उन्हें बेहद पसंद था वो उसका आदर करते थे पर वो काका थे जिनको वो सबसे ज्यादा पसंद करते थे। ऐसी मिलान के पूर्व मिडफ़ील्डर एक धर्मप्रचारक क्रिस्चन हैं, एक आस्था जो सबकुछ है लुइज़ के लिए, एक श्रद्धा जो उनके जीवन में अच्छी चीज़ें लाती है। लुइज़ ने अपना करियर काका से सीख कर ही बनाया है।
कठिन रहा उनका बचपन
डेविड लुइज़ के बारे में ये तो पता होगा कि उन्होंने साओ पाओलो एफसी अकादमी में 2 साल तक प्रशिक्षण लिया और खुद को बेहद अच्छा बनाया। पर इसके पहले लुइज़ गलियों में खेले जब वो बच्चे थे और बेहद कम संसाधनों के साथ रहे, पर हमेशा सकारात्मक तरीके से हर दौर से सीखते रहे। विक्टोरिया के लिए कुछेक अच्छे प्रदर्शन के बाद ही उनका करियर सुदृढ़ हुआ, और जब उनके पास बेनफिका के लिए खेलने का मौका आया।
एक धार्मिक क्रिस्चन हैं लुइज़
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा डेविड लुइज़ के बारे में कि आस्था उन्हें ज़िन्दगी का उद्देश्य समझने में मदद करती है।वो हैं तो दुनिया के सबसे बेहतरीन डिफेंडरों में से एक, पर वो कभी अपनी ज़िन्दगी के उद्देश्य से भटके नहीं। वो एक धार्मिक व्यक्ति है और उन्होंने अपने बचपन की प्रेयसी से शादी की है। वो इतने धार्मिक है कि इस युवा जोड़े ने अपने रिश्ते में सेक्स केवल शादी के बाद लाया।
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ईसाई बनने की दीक्षा ली दोस्त के स्विमिंग पूल में
डेविड लुइज़ के बारे में एक खास बात ये भी है कि उन्होंने धर्म को अपनाया जब वो प्रोफेशनल फुटबॉल में आ चुके थे। उनकी धार्मिक दीक्षा उनके पेरिस सेंट जर्मेन के सह-खिलाड़ी मैक्सवेल के स्विमिंग पूल में हुई थी। वो भगवान् में अपनी आस्था को बरक़रार रखने का वादा रखते है, अपने उद्देश्य पर अडिग हैं और मानते हैं कि उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य ये खूबसूरत खेल खेलते रहना है।
बाल- स्टाइल के लिए केवल? ना ना।
उनके प्रशंसक जब भी डेविड लुइज़ के बारे में बात करते हैं, रश्क़ करते हैं उनके घुंघराले बालों को देख के। वो ना केवल उनको एक अनोखी पहचान देते हैं, बल्कि उनका स्टाइल भी दिखते हैं। पर ये ही नहीं है सबकुछ उनके बालों के बारे में। उनके बाल उनकी मदद करते हैं, उनकी रक्षा करते हैं सर की चोट से। और फ़िर इसकी वजह से उनका दिमाग गर्म नहीं होती होगा शायद। हाहा !
कहानी चेल्सी और डेविड लुइज़ के बारे में
डेविड लुइज़ के बारे में ये कहानी दोस्ती और दुश्मनी दोनों की है शायद, चेल्सी के लिए 2012 में खेलना शुरू करने के बाद। काफ़ी हंगामा हुआ था जब वो कुछ झगड़ों के बाद 2014 में उनको छोड़ के पेरिस सेंट जर्मेन में गए। और फिर सारे आंकलन के विरुद्ध 2016 में उनको भी छोड़ा जब अंतोनियो कंटे थे वहां। फिर वो गए आर्सेनल में। आर्सेनल में उन्होंने चेल्सी के ख़िलाफ़ गोल भी किया और उत्तेजित तौर पर जश्न भी मनाया। हालांकि बाद में उन्होंने इस कृत्य के लिए माफ़ी मांग ली।
झूठ बोले टीम के लिए
डेविड लुइज़ के बारे में ये किस्सा चैंपियंस लीग का है। चेल्सी ने चैंपियंस लीग का फ़ाइनल खेला था 2012 में रोबर्टो डी मटियो के संरक्षण में। फ़ाइनल मैच था एलायंज एरीना में बेयर्न म्यूनिख के ख़िलाफ़। लुइज़ ने खुद को चोटिल कर लिया था इस महामुकाबले के सप्ताह भर पहले और फिटनेस टेस्ट होना था। पर उन्होंने डॉक्टर से कोच को झूठ बोलने के लिए मना लिया अगर वो फिटनेस टेस्ट पास नहीं भी करते तो। उन्होंने मैच पेनकिलर्स खा कर खेला और बेहद उम्दा प्रदर्शन किया। चेल्सी ने ये मैच पेनाल्टी में जीता जर्मन टीम के ख़िलाफ़।
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रोने के किस्से
डेविड लुइज़ के बारे में ये किस्सा सर्वविदित है। पुरुष रोते नहीं, लोग कहते हैं। हिंदी में कहावत है मर्द को दर्द नहीं होता। हालांकि भावनाएँ काफ़ी आम चीज़ है किसी भी मनुष्य के लिए और लुइज़ को कितनी बार रोते देखा गया है भावनाओं में आकर। उनके फ़ील्ड में रोने के चित्र ने सनसनी मचाई थी 2014 विश्व कप सेमिफ़ाइनल के बाद जब ब्राज़ील को जर्मनी ने 7-1 से हराया था। लुइज़ उस मैच में सीनियर डिफेंडर थे और मिरांडा के साथ खेल रहे थे उस रात कप्तान थियागो सिल्वा की अनुपस्थिति में।
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— SportsCrunch (@SportsCrunch) May 4, 2020