जर्मन दिग्गज बेयर्न म्यूनिख ने अपनी स्वर्णिम पीढ़ी के साथ यह सब किया। वे अभी भी बुन्देस्लिगा चैंपियन हैं और यूरोप में विश्वसनीयता के लिए लड़ रहे हैं। बेयर्न म्यूनिख एक सच्चे जर्मन महाशक्ति हैं और इसको जानने के लिए इन 10 मैचों पर नज़र डालते हैं।
10. बेयर्न म्यूनिख 11 – 1 बोरुसिया डॉर्टमुंड, 1971-72 जर्मन फुटबॉल चैंपियनशिप
जेरार्ड म्युलर, जो बेयर्न के एक महान खिलाड़ी थे, ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से बोरुसिया डॉर्टमुंड को ख़त्म कर दिया, नेस्तनाबूद कर दिया। ये उस समय हुआ जब बेयर्न म्यूनिख और डॉर्टमुंड की टीमें के बीच की प्रतिस्पर्धा आज के दौर के प्रतिद्वंदिता पर नहीं पहुंची थी।
11 गोल वाले इस मैच में म्युलर ने खुदके चार गोल किये और ये दिखा दिया कि क्यों उनको इतना महान खिलाड़ी कहा जाता है।
9. बेयर्न म्यूनिख 3-1 एफसी कैसेरस्लाउटरन, 2003 डीएफ़बी पोकल फ़ाइनल
एक बेहद रोमांचक और कांटे की टक्कर में माइकल बलाक के दोहरे गोल की मदद से बेयर्न ने कैसेरस्लाउटरन को हरा दिया।
इस मैच में महान ओलिवर कान बेयर्न के कप्तान थे और इस सीज़न में बेयर्न ने डबल पूरा किया था।
8. बेयर्न म्यूनिख 2-1 बोरुसिया डॉर्टमुंड, 2007-08 डीएफ़बी पोकल फ़ाइनल
बेयर्न के नए खिलाड़ी और 11.58 मिलियन यूरो की रिकॉर्ड साइनिंग से टीम में आये लुका टोनी के ब्रेस की मदद से बेयर्न ने अपने चिर प्रतिद्वंदी बोरुसिया डॉर्टमुंड के ख़िलाफ़ एक बेहद कठिन जीत जीती।
बोरुसिया के पैट्रिक का इंजरी टाइम में किया गोल खेल को अतिरिक्त समय तक ले गया जहाँ टोनी के गोल ने निर्णायक बढ़त दिलाकर टीम को जीत दिलाई।
7. बेयर्न म्यूनिख 1-0 वेलेंशिया, 2000-01 यूएफा चैंपियंस लीग फ़ाइनल
ये मैच बेयर्न के महान ओलिवर कान की महानता का बयान है, एक मैच जिसने बेयर्न को अतीत से बाहर निकाला और चैंपियंस लीग का ख़िताब म्यूनिख पहुंचा।
ये पेनाल्टी का खेल था, जिसमें जीत और हार का निर्णय पेनाल्टी को गोल में बदलने की महारत से हुआ। बेयर्न, जिसने मैच में पेनाल्टी को गोल में बदलने में चूक किया, ने रेगुलेशन समय में गलती सुधार की और जीत का उपहार मिला।
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6. बेयर्न म्यूनिख 2-1 हैम्बर्ग, 2000-01 बुंदेस्लीगा
हैम्बर्ग में बुंदेस्लीगा का ये फ़ाइनल बेहद नाटकीय था और बेयर्न ने घरेलु क्लब हैम्बर्ग को हरा कर ख़िताब जीत लिया था पैट्रिक एंडरसन के आख़िरी कुछ क्षणों में किये गोल की बदौलत।
एक समय लग रहा था कि मेज़बान टीम जीत जाएगी पर बेयर्न के खिलाड़ियों ने कुछ और ही सोच रखा था और बॉक्स के अंदर से गोल करके उन्होंने जीत की उद्घोषणा कर दी।
5. बेयर्न म्यूनिख 3-2 वीएफबी स्टटगार्ट, 2012-13 डीएफ़बी पोकल फ़ाइनल
यूरोप और जर्मनी के चैंपियन बनने के बाद जब बेयर्न इस डीएफ़बी पोकल फ़ाइनल में आये तो बस एक ही ख़्वाहिश रही होगी उनकी- जर्मन फुटबॉल का पहला ट्रेबल पूरा करना।
जुप्प हेंकेस की टीम ने बेहतरीन फुटबॉल खेला और अपनी रणनीति का बिना किसी गलती के क्रियान्वयन किया। टीम ये मैच 2 के मुक़ाबले 3 गोल से जीती थोमास म्युलर और मारिओ गोमेज़ के गोल के सहारे।
4. बेयर्न म्यूनिख 3-0 एफसी बार्सिलोना, 2012-13 यूएफा चैंपियंस लीग सेमिफ़ाइनल प्रथम लेग
बेयर्न म्यूनिख अपने पिछले चैंपियंस लीग फ़ाइनल को पीछे छोड़ना चाहते थे जब उन्होंने एफसी बार्सिलोना को सेमीफ़ाइनल के दो लेग में कुल 0 के मुक़ाबले 7 गोल से हराया।
बेयर्न ने एलायंज एरीना में ४ गोल कर ही रखे थे अपनी जीत में, कतालुन्या की टीम के घर में उसे अर्जेन रोबेन के बेहतरीन गोल की मदद से 0 के मुक़ाबले 3 गोल से हराया।
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3. बेयर्न म्यूनिख 4-0 वॅर्डर ब्रेमेन, 2010 डीएफ़बी पोकल फ़ाइनल
लुइस वान गाल की बेयर्न म्यूनिख़ ने 2009-10 साल के सीज़न में डबल पूरा किया था, जब उन्होंने वॅर्डर ब्रेमेन के ख़िलाफ़ डीएफ़बी पोकल के फ़ाइनल में 0 के मुक़ाबले 4 गोल से जीत हासिल की।
पेनाल्टी ने ब्रेमेन को पीछे धकेला और फिर वो मैच में वापस नहीं आ पाए।
2. बेयर्न म्यूनिख 2-0 एफसी शालके 04, 2010 जर्मन सुपर कप
ये एकमात्र ट्रॉफी थी जो बेयर्न म्यूनिख़ ने इस साल जीता था। सुपर कप की ये जीत का जश्न प्रशंसकों ने सीज़न डबल के जैसे मनाया।
उसके बाद लुइस वान गाल की टीम ने बहुत से मैच हारे और इनका ऐसा प्रभाव रहा है कि सीज़न के अंत तक वान गाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
1. बेयर्न म्यूनिख 2-1 बोरुसिया डॉर्टमुंड, 2013 यूएफा चैंपियंस लीग फ़ाइनल
बेयर्न म्यूनिख की 2013 यूएफा चैंपियंस लीग की जीत अपने चिर प्रतिद्वंदी बोरुसिया डॉर्टमुंड के ख़िलाफ़ लंदन के वेम्ब्ली स्टेडियम में आयी जब उन्होंने अर्जेन रोबेन के निर्णायक गोल की मदद से जीत पायी।