आज का विषय भारत के खेल, खेल जो भारत में जन्मे अलग अलग दौर में। भारत दुनिया में अपने योग, आयुर्वेद, कला शिल्प, व्यंजन, संस्कृति आदि के लिए प्रसिद्ध है लेकिन ऐसे बहुत से खेल भी हैं जिनकी शुरुआत भारत में हुई है। हालांकि बहुत लोगों को इस बारे में कम ही पता है इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपसे बात करेंगे उन सभी खेलों के बारे में जो भारत में शुरू हुए और संसार भर में खेले जाने लगे।
भारत के खेल:
शतरंज का खेल
भारत के खेलों में शामिल है शतरंज। शतरंज भारत में प्राचीन समय से ही खेला जाता था। उस समय इस खेल को अष्टापद, चतुरंगा, शत्रुंजय आदि नामों से जाना जाता था। हालांकि बाद में इसकी लोकप्रियता बहुत से देशों में भी बढ़ गई और यह दुनिया भर में खेला जाने लगा। परंतु इस खेल पर आज भी भारत का ही दबदबा है। शतरंज के भूतपूर्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को सारी दुनिया ही जानती है।
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खो खो का खेल
भारत के खेलों में शामिल है खो खो। खो खो भारत का सबसे पारंपरिक और लोकप्रिय खेल कहा जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि इस खेल को प्राचीन काल में सम्राटों द्वारा रथो पर खेला जाता था। यह खेल भी आज काफी लोकप्रियता हासिल कर चुका है।
कबड्डी का खेल
भारत के खेलों में शामिल है कबड्डी। ऐसा माना जाता है कि कबड्डी के खेल की उत्पत्ति तमिलनाडु में हुई थी। साथ ही जानकारी के लिए बता दें कि इस खेल को पांच रूपों में जाना जाता है जो कि इस प्रकार हैं- गमिने, सर्कल, गुगी, सुरन्जीवी और अचट।
जूडो और कराटे का खेल
भारत के खेलों में शामिल है जूडो और कराटे। इस खेल के बारे में दावा किया जाता है कि यह प्राचीन भारत में ही उत्पन्न हुआ था। साथ ही बता दें इस खेल की शुरुआत भारत में मध्यकालीन युग में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा हुई थी और उन्हीं के माध्यम से जूडो और कराटे का खेल अन्य एशियाई देशों में भी फैल गया। हालांकि यह कहा जाता है कि चीन, कोरिया जैसे एशियाई देशों को यह खेल विरासत में मिला है जो कि सच नहीं है।
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पोलो का खेल
पोलो खेल की शुरुआत भारत में ही हुई थी। यह खेल मणिपुर में उत्पन्न हुआ था जो कि प्राचीन भारत के राजाओं में काफी प्रसिद्ध था। अपने मनोरंजन के लिए राजा एलीफेंट पोलो खेला करते थे। बाद में यह खेल अंग्रेजों द्वारा खेला जाने लगा जो कि अब सारी दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर चुका है।
लूडो का खेल
भारत के खेलों में शामिल है लूडो। लूडो का खेल एक ऐसा खेल है जिसको बच्चे और बड़े दोनों ही बहुत पसंद करते हैं। इस खेल की शुरुआत भारत में ही हुई थी। बता दें कि यह पहली बार 6वीं शताब्दी में भारत में खेला गया था जिसको पचीसी कहा जाता था। बाद में यह खेल पांडवों और कौरवों द्वारा खेला जाने लगा था और उस समय इसको चूसर कहा जाता था।
इसके अलावा मुगल सम्राट अशोक भी लूडो के खेल को काफी पसंद करते थे। हालांकि बाद में अंग्रेजों ने इस खेल में संशोधन किया और क्यूबिक पासा प्रयोग करके इस खेल को खेला जाने लगा था। इस प्रकार 1896 में इसे लूडो नाम दिया गया।
सांप और सीढ़ी का खेल
भारत के खेलों में शामिल है सांप और सीढ़ी। प्राचीन भारत में नैतिकता के खेल के रूप में यह खेल खेला जाता था जिसको मोक्षपट, मोक्षपात और ज्ञान चौपर आदि के नामों से जाना जाता था। जिस तरह से अंग्रेजों ने लूडो के खेल में संशोधन किया था उसी तरह इसमें भी किया और सांप सीढ़ी का खेल आज दुनिया भर में काफी लोकप्रिय है और लोग बहुत शौक से खेलते हैं।
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बैडमिंटन का खेल
भारत के खेलों में शामिल है बैडमिंटन। बैडमिंटन का खेल आज संसार में काफी लोकप्रिय और प्रसिद्ध खेल है। लेकिन शटल कॉक बैडमिंटन का आधुनिक संस्करण वास्तव में भारत के अंदर ही शुरू हुआ था। जबकि ब्रिटिश इस आधुनिक संस्करण शटल कॉक के पहले संरक्षक बनें। यहां यह भी बता दें कि ब्रिटिश इस खेल से इतने प्रभावित हो गए कि ऐसा दवा किया जाता है कि इस खेल को इन्होंने शुरू किया था।
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— SportsCrunch (@SportsCrunch) July 15, 2020
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