नई दिल्ली। देशभर के क्रिकेट प्रेमियों में इन दिनों आईपीएल मैचों की धूम मची है। इन सब के बीच दिल्ली से एक निराश करने वाली खबर आ रही है।
दरअसल, दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर होनेवाले आईपीएल मैचों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) से कहा कि अगर वह फिरोजशाह कोटला के ओल्ड क्लब हाउस को आईपीएल मैचों के लिए स्ट्रक्चर के मजबूत होने का सर्टिफिकेट देता है, तो किसी भी तरह का हादसा होने पर पूरी जिम्मेदारी निगम की होगी।
अदालत ने कहा कि अगर ढांचा गिर जाता है और किसी तरह के जानमाल का नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी निगम और इस स्टेडियम का स्वामित्व रखने वाले दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की होगी। डीडीसीए के अनुसार अगर ओल्ड क्लब हाउस का उपयोग प्रसारण उपकरण रखने और संबंधित व्यक्तियों के लिये नहीं किया जा सकता है तो फिर 23 अप्रैल से यहां होने वाले आईपीएल मैचों का आयोजन स्टेडियम में नहीं हो पाएगा।
सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा , ‘आप (डीडीसीए) या मैं विशेषज्ञ नहीं हैं। सरकारी एजेंसी एसडीएमसी को हस्ताक्षर करने होंगे। उन्हें पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर इमारत गिरती है और यहां तक कि एक भी व्यक्ति घायल होता है या जान गंवाता है तो इसके लिये आप ही जिम्मेदार माने जाओगे। मैच तो होते रहेंगे। ’’
अदालत ने कहा कि इस मामले में 20 अप्रैल को आगे सुनवाई होगी, जब डीडीसीए या उसके प्रशासक उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश विक्रमजीत सेन को अदालत को बताना होगा कि क्या वे इस बारे मे शपथपत्र दे सकते हैं।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि एसडीएमसी किसी भी अन्य तरह की जानकारी हासिल कर सकता है जिससे वह अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सके कि क्या आरपी मेहता ब्लॉक उपयोग के लिये सही है। अदालत ने निगम से कहा कि अंतिम रिपोर्ट पर उसके किसी वरिष्ठ इंजीनियर के हस्ताक्षर होने चाहिए तथा निजी सलाहकार पर पूरा बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।