नई दिल्ली। हाय-हाय गर्मी, उफ-उफ गर्मी इस गर्मी ने तो लोगों को नानी याद दिला दी। वो भी इस कदर की लोगों को अब अपने घरों से निकलने के लिए भी दस बार सोचना पड़ता है। ये सोचना पड़ता है कि मुंह पर कपड़ा बांध कर जाए या फिर छतरी। क्योंकि ये बारिश तो इतनी जल्दी मेहरबान नहीं हो सकती।
लेकिन आज ये बादल मेहरबान हुए बेंगलुरू में जहां भारत-अफगानिस्तान का ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेला जा रहा है। यहां हम कहते रहते हैं बरसो रे मेघा-मेघा लेकिन ये मेघा है कि बरसते ही नहीं… बहुत ही नाइंसाफी है…रे।
बेंगलुरु में बारिश भी हुई और रनों की बारिश भी। मैच भी धुला और बॉलर भी। और शाम आते आते बल्लेबाजों का आना जाना शुरू हो चूका था। लगता था कि शाम किसी ने दावत दी हो जैसे भारतीय बल्लेबाजों को।
राशिद खान की हुई धुलाई
राशिद खान जितना नाम में वजन उतना ही वजन उनके बॉल में… जबसे ये मैच शूरू हुआ था तभी से एक बात कही जा रही थी कि स्पिनर राशिद के सामने कोई नहीं टीक सकता। लेकिन गब्बर ना हीं फिल्मी दूनिया में कम था और ना ही क्रिकेट जगत में… गब्बर ने राशिद खान को ऐसा धोया… ऐसा धोया की ऐसे तो हमारे घर में कपड़ो को भी नहीं धोते। पहले दिन के समाप्ति के पहले राशिद ने जो कहानी बदली वो भी इतनी थी कि उनके पाले में एक विकेट रहा वो भी रहाणे का, वरना तो 26 ओवर में 120 रन खाने वाले लोग चोट ही कहे जाते हैं टेस्ट मैच में। बस अहमदज़ाई और वफ़ादार ने वफादारी निभाई- ना केवल काम कूटे गए, बल्कि आपस में 3 विकेट भी बांटे।
धवन का जोरदार शतक
भले ही इंडियन टीम के गेम पर बारिश की कुछ बोछारे पड़ गई हो लेकिन गब्बर ने सब अपने पाले में कर लिया। अरे हम शोले मूवी के गब्बर की नहीं बल्कि इंडियन क्रिकेट टीम के गब्बर की बात कर रहे हैं… जो आज छा गया और लोगों को अपना फैन बना गया। धवन ने टेस्ट क्रिकेट में सांतवा शतक जड़ा। साथ ही साथ एक सेशन में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय और दुनिया के छठे बल्लेबाज बने। शिखर धवन ने पहले सेशन में 96 गेंदों पर ताबड़तोड़ 107 रन ठोके। धवन ने अपनी इस पारी में 19 चौके और 3 छक्के लगाए। जिसको देखकर लगा गब्बर इज बैक। गब्बर ने अपनी पारी में करीबन सभी अफ़ग़ानी गेंदबाज़ों को बढ़िया से कूटा, बस अहमदज़ाई और वफ़ादार ने ना कुटाने की जैसे कसम खाई थी।
मुरली की तान पे थिरके अफ़ग़ानी
एक ओर गब्बर का आतंक फैला हुआ था तो दूसरी ओर मुरली अपनी विजयगाथा लिख रहे थे। हाँ भइया, आप ठीक समझे- मुरली विजय ने भी शतक ठोक कर अफ़ग़ानी टीम को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि कहीं ये टेस्ट पदार्पण जल्दी तो नहीं हो गया। भाईसाब गब्बर कूट रहा था और मुरली सहला रहे थे- और ऐसे ही सहलाकर 153 गेंदों में १०५ रन बना डाले।
थोड़े कम लोकप्रिय वाले राहुल ने भी मौका मारा और 64 गेंदों पर 54 रन रपट डाले। बाकी खिलाडियों में केवल पुजारा ही गेंद और बल्ले की थोड़ी आज़माइश कर पाए और 35 रन बनाए।
दिन का खेल ख़त्म होने के समय भारत ने 78 ओवर में 6 बल्लेबाजों के पवेलियन वापसी पर 347 रन बनाये थे बनाए थे और विश्व की महानतम आल राउंडर्स की पहली जोड़ी (पंड्या-अश्विन) पिच पर थी।