बैडमिंटन ऐसा खेल है जो क्रिकेट के बाद भारत में सबसे तेजी से लोकप्रिय हुआ। बैडमिंटन के खेल ने पिछले 20 सालों में भारत में काफी तरक्की की है और साथ ही चीन के वर्चस्व को काफी हद तक तोड़ने में कामयाब हुआ है। जिसका पूरा श्रेय पुलेला गोपीचंद और उनकी एकेडमी से निकले साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ियों को जाता है। ये तो सभी को पता है कि भारत में सबसे ज्यादा क्रिकेट के खेल को पसंद किया जाता है और इस खेल का जन्म इंग्लैंड में हुआ था। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर बैडमिंटन का जन्म किस देश में हुआ था। आईये जानते हैं बैडमिंटन के इतिहास के बारे में…….
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अगर बैडमिंटन के इतिहास को खंगाला जाए तो बैडमिंटन की शुरूआत 18वीं सदी में भारत में हुई थी। उस समय भारत में ये खेल ब्रिटिश मिलट्री के आफिसर्स के बीच काफी लोकप्रिय था। उस समय बैडमिंटन का खेल ब्रिटिश छावनी के शहर पूना में लोकप्रिय था, इसीलिए उस वक्त इस खेल को पूना अथवा पूनाई के नाम से भी जाना जाता था। अगर देखा जाए तो बैडमिंटन का जन्म भारत में हुआ। हालांकि उस वक्त बैडमिंटन शटलकॉक की जगह बॉल से खेला जाता था।
साल 1875 में इंग्लैंड के फोकस्टोन में एक बैडमिंटन क्लब की स्थापना की गई। पर साल 1887 तक बैडमिंटन के खेल को पूना के नियमों के तहत ही खेला जाता था। लेकिन बाद में बाथ बैडमिंटन क्लब के जेएचई हार्ट ने बैडमिंटन के नियम बनाए। उसके बाद साल 1893 में द बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंग्लैंड ने बैडमिंटन के रूल्स को ऑफिशियली पब्लिश किया।
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1899 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप शुरु हुआ जो सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट के पहले संस्करण में मेन्स डबल्स, वूमेन डबल्स और मिक्स्ड डबल्स इवेंट खेले गए। उसके बाद साल 1900 से इस टूर्नामेंट में सिग्ल्स इवेंट को भी जोड़ दिया गया।
वहीं साल 1934 में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड ने मिलकर इंटरनेशनल बैडमिंटन फेडरेशन की स्थापना की। और इसे बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के नाम से जाना जाता है। 1977 में पहली बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप खेला गया। वहीं साल 1992 मे बैडमिंटन ओलंपिक में शामिल किया।
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