हिमा दास ने देश का नाम रोशन कर यूरोप में एक महीने के भीतर लगातार 5 गोल्ड जीते और भारत की इस धावक खिलाड़ी की फीस तीन हफ्तों के भीतर दोगुनी हो गई। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि हिमा दास ने विदेश में शानदार प्रदर्शन किया जिसकी वजह से उनकी ब्रैंड वैल्यू दोगुनी हो गई। अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से हिमा दास की सभी प्लेटफॉर्म पर चर्चा हो रही है। 19 साल की असम की यह तेज तरार धावक की फीस सालाना 30 से 35 लाख रुपये थी। जो अब बेहतरीन प्रदर्शन के बाद 60 लाख रुपये हो गई है।
In India: Politics & Entertainment
हिमा के पास आईओएस अब वॉच ब्रैंड, टायर, एनर्जी ड्रिंक ब्रैंड, कुकिंग ऑयल और फूड जैसी कैटेगरी के ब्रैंड से नई डील के लिए बात कर रहा है। फिलहाल, हिमा के मौजूदा एंडोर्समेंट में एडिडास स्पोर्ट्सवियर, एसबीआई, इडलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज और नॉर्थ-ईस्ट की सीमेंट ब्रैंड स्टार सीमेंट शामिल हैं। देखा जाए तो भारत में सबसे ज्यादा फीस किसी अन्य खेल के मुकाबले क्रिकेट खिलाड़ियों की होती है। हालांकि, अब अन्य खेलों के खिलाड़ियों के लिए स्थिति तेजी से बदल रही है। हिमा भारत में किसी स्पोर्ट्स ऐथलीट की ब्रैंड वैल्यू में सबसे तेज बढ़ोतरी है।
ये भी पढ़ें: महेंद्र सिंह धोनी और २०११ विश्व कप फ़ाइनल
क्यों डबल हुई फीस?
मेहनत लगन और जज्बा हर खिलाड़ी में देखा जाता है, लेकिन बात अगर फीस कि की जाए तो भारत में क्रिकेट का नाम सबसे पहले लिया जाता है। देखा जाए तो क्रिकेट के अलावा दूसरे खेल के खिलाड़ियों को भी क्रिकेटरों की तरह सम्मान और स्पॉन्सरशिप मिलनी चाहिए। क्रिकेर्ट्स को एक साल के एंडोर्समेंट का अमूमन 5-8 करोड़ रुपये मिलता हैं।
देखा जाए तो अब चार शीर्ष क्रिकेटरों को छोड़कर ब्रैंड्स बड़े पैमाने पर नॉन-क्रिकेट स्पोर्ट्स को नोटिस कर रहे हैं। उन्हें अच्छी कीमत मिलती है और वे ब्रैंड्स को उनके इनवेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न देते हैं। देश का नाम रोशन कर रही धावक के रूप में उभरी हिमा को ‘धींग एक्सप्रेस’ भी कहा जाता है। उन्होंने यूरोप में अपना पांचवां स्वर्ण जीता।